प्रतिज्ञा - Pratigya by Premchand

'प्रतिज्ञा' उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शा

Oct 28, 2020 - 13:08
Dec 19, 2025 - 08:16
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प्रतिज्ञा - Pratigya by Premchand
'प्रतिज्ञा' उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि किसी नवयौवना का जीवन नष्ट न हो। ..। नायिका पूर्णा आश्रयहीन विधवा है। समाज के भूखे भेड़िये उसके संचय को तोड़ना चाहते हैं। उपन्यास में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नए रूप में प्रस्तुत किया है एवं विकल्प भी सुझाया है। इसी पुस्तक में प्रेमचंद की अंतिम और अपूर्ण उपन्यास मंगल‍सूत्र भी है। इसका बहुत थोड़ा अंश ही वे लिख पाए थे। यह गोदान के तुरंत बाद की कृति है जिसमें लेखक अपनी शक्तियों के चरमोत्कर्ष पर था।