Ravindranath Tagore ki lokpriya kahaniyan part 2

रवीन्‍द्र नाथ एक गीत है, रंग है और है एक असमाप्‍त कहानी। बांग्‍ला में लिखने पर भी वे किसी प्रांत और भाषा के रचनाकार नहीं है, बल्कि समय की चिंता में मनुष्‍य को क

Dec 31, 2022 - 17:26
Jun 24, 2025 - 12:29
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Ravindranath Tagore ki lokpriya kahaniyan part 2
रवीन्‍द्र नाथ एक गीत है, रंग है और है एक असमाप्‍त कहानी। बांग्‍ला में लिखने पर भी वे किसी प्रांत और भाषा के रचनाकार नहीं है, बल्कि समय की चिंता में मनुष्‍य को केंद्र में रखकर विचार करने वाले विचारक भी हैं। “वसुधैव कुटुम्‍बकम” उनके लिए नारा नहीं आदर्श था। केवल गीताजंलि से यह भ्रम भी हुआ कि वे केवल भक्‍त हैं, जबकि ऐसा है नहीं। दरअसल, स्विहमैन की तरह उन्‍होंने आत्‍मसाक्ष्‍य से ही अपनी रचना धार्मिक से ही अपनी रचना धार्मिता को जोड़े रखा।