CLASSIC EBOOKS

रंगभूमि -प्रेमचंद

शहर अमीरों के रहने और क्रय-विक्रय का स्थान है। उसके बाहर की भूमि उनके मनोरंजन और...

प्रतिज्ञा - Pratigya by Premchand

'प्रतिज्ञा' उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशत...

नादान दोस्त - Premchand

नादान दोस्त लेखक - प्रेमचंद केशव के घर में कार्निस के ऊपर एक चिड़िया ने ...

मधुशाला - Madhushala

आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला।।२। प्रियतम, तू मेरी हाला है, मैं ते...

अलंकार Alankar by Premchand

उन दिनों नील नदी के तट पर बहुतसे तपस्वी रहा करते थे। दोनों ही किनारों पर कितनी ह...

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