Teen Bhagyashali Ladke
कुछ दिन बाद पिता की मृत्यु हो गई। सबसे बड़ा लड़का अपने मुर्गे के साथ निकल पड़ा। पर वह जहाँ भी जा रहा था वहाँ उसे दूर से ही मुर्गा दिखाई दे जाता था।
जिंदगी में कुछ पल ऐसे होते हैं जो हमेशा के लिए हमारी यादों में बस जाते हैं। ऐसे ही एक पल का जिक्र करने जा रहा हूँ, जब मेरे दोस्त की दुनिया बदल गई थी। कुछ दिन पहले उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। यह समय उसके लिए बहुत कठिन था, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में उसने एक अनोखा तरीका अपनाया अपने दर्द को सहने का।
तो हुआ ये कि मेरे दोस्त, जो सबसे बड़ा बेटा था, अपने मुर्गे के साथ निकल पड़ा। अब आप सोच रहे होंगे कि मुर्गा क्यों? ऐसा क्या खास था उसमें? दरअसल, वह मुर्गा उसके पिता की यादों का एक अहम हिस्सा था। हर सुबह जब वह अपने पिता के साथ मुर्गा पालता था, तब वे दोनों मिलकर उसे खाना खिलाते और उसके साथ खेलते थे। अब जब पिता नहीं रहे, तो मुर्गा उसके लिए एक साथी बन गया था।
जैसे ही वह घर से निकला, उसके मन में कई भावनाएँ चल रही थीं। वह सोच रहा था कि पिता के बिना जीवन कैसा होगा। लेकिन मुर्गा उसके साथ था, और वह जानता था कि उसे अकेलापन महसूस नहीं होगा।
वह जहाँ भी जाता, उसे दूर से ही मुर्गा दिखाई दे जाता। यह देखना बहुत मजेदार था। लोग उसे देखकर मुस्कुराते थे, और कुछ तो मुर्गे की शान में दाद भी देते थे। यह एक अजीब सा अनुभव था, जहाँ एक तरफ वह अपने पिता की यादों में डूबा था, वहीं दूसरी तरफ उस मुर्गे ने उसे एक नई ऊर्जा दी थी।
कई बार, जब वह उदास होता, तो मुर्गा उसे अपने पंखों से छूकर जैसे कहता कि “कोई बात नहीं, मैं तुम्हारे साथ हूँ।” यह एक साधारण सी बात थी, लेकिन उस समय उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण थी।
इस यात्रा के दौरान, उसने महसूस किया कि जीवन में कठिनाइयाँ तो आएँगी, लेकिन हमें उन्हें सहन करने के लिए कुछ न कुछ ढूँढना होगा। मेरे दोस्त ने इस मुर्गे के साथ अपने दर्द को कम किया और साथ ही अपने पिता की यादों को भी संजोया।
तो, यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी हमारे पास जो चीजें होती हैं, वे हमें मुश्किल समय में बहुत सहारा देती हैं। चाहे वह एक मुर्गा हो या कोई और चीज़, जो हमें खुशी दे सकती है।
अंत में, यही कहना चाहूँगा कि मुर्गा केवल एक पक्षी नहीं था, बल्कि मेरे दोस्त के लिए एक सच्चा साथी बनकर उभरा। और इस तरह, एक मुर्गे की सवारी ने एक कठिन यात्रा को थोड़ी आसान बना दिया।
जिंदगी में ऐसे अनोखे पल आते हैं, और हमें उन्हें गले लगाना चाहिए। क्योंकि कभी-कभी, एक साधारण मुर्गा भी हमें सिखा सकता है कि जिंदगी को कैसे जिया जाए।कुछ दिन बाद पिता की मृत्यु हो गई। सबसे बड़ा लड़का अपने मुर्गे के साथ निकल पड़ा। पर वह जहाँ भी जा रहा था वहाँ उसे दूर से ही मुर्गा दिखाई दे जाता था।
